Aa kahi milte hai hum taaki baharein aaye jaaye

आ कहीं मिलते हैं हम ताकि बहारें आ जांय,
इससे पहले कि ताल्लुक़ में दरारें आ जाय!!
दुश्मनी हो तो फिर ऐसी के कोई एक रहे,
या ताल्लुक़ हो तो ऐसा कि पुकारें आ जाय!!

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