Andhere me bhi roshani si mushkaan tere

अंधेरों में भी रौशनी सी मुस्कान तेरे,
तेरे इस मुस्कान को निहार लेने दे,
मुझे तू, हक़ीक़त में अपना ना सही,
पर ख्वाबों में तो अपना कह लेने दे..

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