Beti ki mohabbat

बेटी की मोहब्बत को कभी आजमाना नहीं ,
वह फूल है, उसे कभी रुलाना नहीं
पिता का तो गुमान होती है बेटी,
जिन्दा होने की पहचान होती है बेटी,
उसकी आंखें कभी नम न होने देना,
उसकी जिन्दगी से कभी खुशियां कम न होने देना ,
उन्गली पकड़ कर कल जिसको चलाया था तुमने,
फ़िर उसको ही डोली में बिठाया था तुमने,
बहुत छोटा सा सफ़र होता है बेटी के साथ,
बहुत कम वक्त के लिये वह होती हमारे पास...!!
असीम दुलार पाने की हकदार है बेटी,
समझो ईश्वर का आशीर्वाद है बेटी!

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