Jab umar 16 ki thi aur 2 button khule the

 जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे...!!

जब सुबह की चाय से ज्यादा, दोस्त की ही ज़रूरत थी...
और 5 स्टार के खाने के मज़े, लंच ब्रेक की पूड़ी सब्जी में लिए थे...
यह बात है उन दिनों की,
जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे...

जब ऊपर का बटन बंद करने पर, गला दब सा जाता था...
और फिर उसे बंद दिखाने के लिए ही, टाई को ऊपर तक सरकाया जाता था...
जब टीचर के दिखते ही, शर्ट के स्लीव्स ऑटोमेटिकली नीचे होते थे...
यह बात है उन दिनों की,
जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे...

जब गाड़ी के एक्सेलरेटर से ज्यादा मज़ा, साइकिल की राइड में था...
होमवर्क ख़त्म करके निकलना है कैसे भी, हमेशा बस यही माइंड में था...
ईयरफ़ोन कान में जाने के बाद, इस दुनिया से जो हम कटते थे...
यह बात है उन दिनों की,
जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे...

किसी लड़की से बात भी कर लेँ एक बार, तो 2 दिन तक शर्माना होता था...
और उसके बाद 4 दिन, जो दोस्तों का चिढ़ाना होता था...
फिर लगता था कि पिक्चर के सारे गाने, जैसे हमारे लिए ही बने हैँ...
यह बात है उन दिनों की,
जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे....

अब तो फॉर्मेलिटी की बारिश में, जैसे
पूरी दुनिया ही भीगी है...
Hypocrisy तो जैसे हर चीज़ मेँ ही, घर कर बैठी है...
मतलब और काम, बस तभी लोग याद करते हैं...
Casually मिलना तो अब, जैसे गुनाह ही समझते हैं...

आज शर्ट 2000 की है,
बटन बंद हैँ,
और ऊपर AC भी है...
पर दिल में एक ख्याल है...
.
सर पे धुप थी.
जेब में नोट तब शायद कम थे.
पर Boss मज़ा तो तभी था,
जब उम्र 16 की थी और 2 बटन खुले थे.

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