कभी कभी मेरी आँखे यूँ
ही रो पडती है..
मै इनको कैसे समझाऊँ
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से
ही अपना नही हो जाता..
किस्मत की लकीरें भी चाहिए !
ही रो पडती है..
मै इनको कैसे समझाऊँ
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से
ही अपना नही हो जाता..
किस्मत की लकीरें भी चाहिए !
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