कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी
कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी
हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे
भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी
कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी
हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे
भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी
No comments:
Post a Comment