Kuch pathro mai bhi phul khil jaatey hai

कुछ पत्थरों में भी फूल खिल जाते है,
कुछ अनजाने भी अपने बन जाते है,
कुछ लाशों को कफ़न नसीब नहीं होता,
और कुछ लाशों पर ताज महल बन जाते है |

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