Manzile pe jo na pahunche use rasta nahi kehte

मंजिल पे जो ना पहुंचे, उसे रास्ता नहीं कहते,
दो-चार कदम चलने को, चलना नहीं कहते..
एक हम है, जो गैरो को भी कह देते हैं अपना,
एक वो हैं जो अपनों को भी, अपना नहीं कहते..
माना की ‘आदी’, हम बुरों से भी बुरे हैं,
कुछ लोग तो अच्छो को भी, अच्छा नहीं कहते..

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