Pyar ko panchi samajh ke pyar karo

प्यार को पंछी समझ के प्यार करो;
और उस पंछी को पिंजरे से आज़ाद कर के देखो;
अगर लौट के आए तो अपना है;
अगर ना आए तो सोचना कभी अपना था ही नही..

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