शायरी पढ़ते पढ़ते खुद लिखना सीख गये,
जीते जीते किसी और के लिए जीना सीख गए,
आँखों आँखों में भी बातें होती है,
आज कल उन बातों को भी पढ़ना सीख गए...
जीते जीते किसी और के लिए जीना सीख गए,
आँखों आँखों में भी बातें होती है,
आज कल उन बातों को भी पढ़ना सीख गए...
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