Tera Chehra Subah Ka Tara Lagta Hai

तेरा चेहरा सुब्ह का तारा लगता है;
सुब्ह का तारा कितना प्यारा लगता है;

तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है;
तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है;

रात हमारे साथ तू जागा करता है;
चाँद बता तू कौन हमारा लगता है;

किस को खबर ये कितनी कयामत ढाता है;
ये लड़का जो इतना बेचारा लगता है;

तितली चमन में फूल से लिपटी रहती है;
फिर भी चमन में फूल कँवारा लगता है;

'कैफ' वो कल का 'कैफ' कहाँ है आज मियाँ;
ये तो कोई वक्त का मारा लगता है।

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