Wo sagar hi kya jiska koi saahil na ho

वो सागर ही क्या जिसका कोई साहिल ना हो,
वो चमन ही क्या जिसमे फूल ना हो,
वो आसमान ही क्या जिसमे तारे ना हो,
और वो जीवन ही क्या जिसमे दोस्त ना हो

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