Yaad hume hai ab tak unka chehra wo masum bhara

याद हमें है अब तक उनका चेहरा वो मासूम भरा.
पीड़ा का अहसास किया है जख्म वो देखा सदा हरा.
लेकिन हिम्मत गजब की उसमें जाने कहां से आई है.
खूब थपेड़े खाऐ फिर भी दिखा नहीं वो जरा डरा.

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