Zindagi me us ka dular kaafi hai

जिन्दगीं में उस का दुलार काफी हैं,
सर पर उस का हाथ काफी हैं,
दूर हो या पास…क्या फर्क पड़ता हैं,
माँ का तो बस एहसास ही काफी हैं !

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