Ek janaja ek dolli takra gaye

एक जनाज़ा, एक डोली टकरा गऐ,
उसको देखने वाले भी घबरा गऐ,
किसी ने पूछा ये कैसी बिदाई है,
तब उपर से आवाज़ आई,
महबूब की डोली देखने..
यार की मय्यत आई है.

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