Tera saath hai

तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
अंधेरो से भी मिल रही रोशनी है
कुछ भी नहीं है तो कोई गम नहीं है
हर एक बेबसी बन गयी चांदनी है

टूटी है कश्ती, तेज है धारा
कभी ना कभी तो मिलेगा किनारा
बही जा रही ये समय की नदी है
इसे पार करने की आशा जगी है

हर इक मुश्किल सरल लग रही है
मुझे झोपडी भी महल लग रही है
इन आँखों में माना नमी ही नमी है
मगर इस नमी पर ही दुनिया थमी है

मेरे साथ तुम मुस्कुरा के तो देखो
उदासी का बादल हटा के तो देखो
कभी हैं ये आँसू, कभी ये हँसी हैं
मेरे हमसफ़र बस यही जिन्दगी है

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